Monday, 22 September 2025

आईटी सेक्टर में भूचाल: TCS, Infosys और Wipro के शेयरों में गिरावट की वजह और आगे की राह

भारतीय शेयर बाजार इस समय दबाव में है। खासकर IT सेक्टर में आई बड़ी गिरावट ने निवेशकों की धड़कनें तेज कर दी हैं। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा H-1B वीजा फीस को $100,000 तक बढ़ाने का ऐलान है। इस फैसले का सीधा असर भारतीय IT कंपनियों पर पड़ा है, क्योंकि उनका बड़ा कारोबार अमेरिका पर निर्भर है।

सोमवार को TCS, Infosys और Wipro जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में 2.5% से 5% तक की भारी गिरावट देखी गई।




📉 गिरावट की मुख्य वजहें

1. H-1B वीजा फीस में बढ़ोतरी
भारतीय IT कंपनियों के हजारों कर्मचारी अमेरिका में काम करते हैं। इतनी भारी फीस से कंपनियों की लागत बढ़ेगी और सीधे मुनाफे पर असर पड़ेगा।


2. कमजोर वैश्विक संकेत
अमेरिकी बाजारों में मंदी की आशंका और वैश्विक अनिश्चितता ने भी IT सेक्टर में बिकवाली को बढ़ावा दिया है।


3. मुनाफावसूली (Profit Booking)
हाल की तेजी के बाद कई निवेशकों ने अपने मुनाफे को सुरक्षित करने के लिए शेयर बेचे, जिससे IT, FMCG और फार्मा जैसे सेक्टर पर दबाव बढ़ा।




क्या निफ्टी 25,000 के नीचे जाएगा?

निफ्टी ने लगातार दो दिन गिरावट दर्ज की और 25,202 पर बंद हुआ। अब 25,000–25,150 का स्तर निफ्टी के लिए एक महत्वपूर्ण सपोर्ट जोन है।

अगर निफ्टी 25,000 के नीचे जाता है, तो बिकवाली और तेज हो सकती है और यह 24,900–24,800 तक गिर सकता है।

इंडिया VIX (Volatility Index) में भी 5% से ज्यादा की तेजी आई है, जो बढ़ती अस्थिरता का संकेत है।





📊 निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए रणनीति

शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स:
जब तक निफ्टी 25,100–25,150 के ऊपर बना रहता है, तब तक बाजार रेंज-बाउंड रह सकता है। लेकिन 25,000 के नीचे जाने पर तेजी से बिकवाली हो सकती है।

लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स:
मौजूदा गिरावट को एक अवसर के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, अभी धीरे-धीरे और छोटी मात्रा में निवेश करना ही समझदारी होगी। केवल मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में ही पैसा लगाएं।




🔮 आगे क्या?

बाजार की दिशा अब इन फैक्टर्स पर निर्भर करेगी:

अमेरिकी बाजार का प्रदर्शन।

H-1B वीजा को लेकर आगे की नीतियां।

विदेशी निवेशकों (FII) का रुख।


अगर बैंकिंग या ऑटो सेक्टर में भी कमजोरी आती है, तो बाजार में और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।



निष्कर्ष

IT सेक्टर में गिरावट से भारतीय शेयर बाजार पर गहरा दबाव बना हुआ है। अब सबकी नजर निफ्टी 25,000 के स्तर पर टिकी है। निवेशकों के लिए यह समय धैर्य और अनुशासन बनाए रखने का है। शॉर्ट-टर्म में रिस्क ज्यादा है, जबकि लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स को यह गिरावट खरीदारी का अवसर दे सकती है।

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