उत्तर प्रदेश एसटीएफ (UP STF) ने गोरखपुर के चर्चित दीपक गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी जुबैर उर्फ़ कालिया को मुठभेड़ में मार गिराया। आरोपी पर ₹1 लाख का इनाम घोषित था और वह लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर था। मुठभेड़ रामपुर इलाके में हुई, जहां जुबैर पशु तस्करी और अपराधियों के साथ सक्रिय था।
🧑🎓 दीपक गुप्ता कौन थे?
दीपक गुप्ता गोरखपुर के रहने वाले एक NEET छात्र थे।
उनकी हत्या ने पूरे प्रदेश में आक्रोश पैदा कर दिया था।
परिवार और आम जनता लगातार सरकार से न्याय की मांग कर रही थी।
🚨 आरोपी जुबैर उर्फ़ कालिया पर आरोप
दीपक गुप्ता की हत्या का मास्टरमाइंड।
पशु तस्करी और अपराधियों से जुड़े होने के सबूत।
यूपी पुलिस ने उस पर ₹1 लाख का इनाम घोषित किया था।
पहले से कई आपराधिक मामलों में वांछित।
⚔️ मुठभेड़ का पूरा घटनाक्रम
STF को मुखबिर से सूचना मिली कि जुबैर रामपुर इलाके में छिपा हुआ है।
पुलिस टीम ने घेराबंदी की, तभी उसने फायरिंग शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई में जुबैर मौके पर ही ढेर हो गया।
मौके से पिस्तौल, कारतूस और कई आपराधिक दस्तावेज बरामद हुए।
🏛️ योगी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार अपराधियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है।
पिछले 8 सालों में कई बड़े गैंगस्टर्स का एनकाउंटर हुआ है।
जुबैर का ढेर होना इसी "Zero Tolerance Policy" का हिस्सा माना जा रहा है।
📌 सोशल मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोग STF और सरकार की तारीफ कर रहे हैं।
दीपक गुप्ता के परिवार ने भी राहत की सांस ली और सरकार का धन्यवाद किया।
आम जनता ने इसे "न्याय की जीत" बताया।
❓ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: दीपक गुप्ता हत्याकांड कब हुआ था?
👉 यह घटना गोरखपुर में 2025 की शुरुआत में हुई थी।
Q2: जुबैर उर्फ कालिया कौन था?
👉 जुबैर एक कुख्यात अपराधी और पशु तस्कर था, जिस पर दीपक गुप्ता की हत्या का आरोप था।
Q3: जुबैर पर कितना इनाम था?
👉 यूपी पुलिस ने उस पर ₹1 लाख का इनाम घोषित किया था।
Q4: STF ने कब और कहाँ एनकाउंटर किया?
👉 यह मुठभेड़ 25 सितंबर 2025 को रामपुर जिले में हुई।
Q5: इस एनकाउंटर से क्या संदेश जाता है?
👉 यह घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है और कानून व्यवस्था सख्ती से लागू की जा रही है।
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✅ निष्कर्ष
गोरखपुर के दीपक गुप्ता हत्याकांड का मास्टरमाइंड जुबैर उर्फ कालिया अब न्याय से बच नहीं सका। यूपी STF की कार्रवाई ने प्रदेश की जनता का भरोसा बढ़ाया है। यह एनकाउंटर एक बार फिर साबित करता है कि यूपी सरकार अपराध और अपराधियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है।